शायर हूँ यारो शायरी के लिये ..
Wednesday, 23 August 2017
ता उम्र सवारते रहे वो खुद को ज़माने के रंग में रंगने के लिये,
कभी देखा नहीं मेरी नजरो में उनका रंग क्या है....
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