शायर हूँ यारो शायरी के लिये ..
Tuesday, 5 September 2017
ये जो साँसे चल रही है मेरी आखिर दी हुई सौगात किसकी है,
न है अगर वो पास मेरे तो ये धक् धक् की आवाज किसकी है....
1 comment:
Unknown
31 October 2017 at 21:13
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