शायर हूँ यारो शायरी के लिये ..
Tuesday, 22 August 2017
अपने स्वार्थ पर मोहब्बत का चोला डाल के इश्क को ज़माने में यो बदनाम न करो,
के बार बार आंधी का दोगलापन देख न जाने कितने पंछी पेड़ो पर बना रहे अपने प्यार का आशिया हटा लेते है ....
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