Wednesday, 23 August 2017

ता उम्र सवारते रहे वो खुद को ज़माने के रंग में रंगने के लिये,
कभी देखा नहीं मेरी नजरो में उनका रंग क्या है....

Tuesday, 22 August 2017

अपने स्वार्थ पर मोहब्बत का चोला डाल के इश्क को ज़माने में यो बदनाम न करो,
के बार बार आंधी का दोगलापन देख न जाने कितने पंछी पेड़ो पर बना रहे अपने प्यार का आशिया हटा लेते है ....

Monday, 21 August 2017

हर बार जरुरी नहीं की लफ्जो से कहू तुझसे रूबरू होने पर,

कभी आँखों से भी पढ़ ले के क्या हाल है मेरे दिल का...

सुबह उड़े थे घर से जो पंछी शाम कुछ न वापस आये क्यों,

पंख दिए जब उड़ने को तो न आने पर उनके आँसू बहाये क्यों.....

Sunday, 20 August 2017

किसी से फरेब न कर जिन्दगी में ये आसमा,

कही तेरा जमीर फरेबी होके तुझसे फरेब न कर जाये…..

ये इंसान मत घबरा तू वक़्त की इन बेरुखी पे,
मौसम से वृक्ष अगर तबाह हुआ तो सवरा भी उसी से....

किसी से क्यों खफा और रुसवा रहे ये जिन्दगी,
उनसे ज्यादा धोखे तो हमने अपने आप को दिये  है....

बादल की गडगडाहट भी थी बिजलियों का अभिमान भी था,
बारिश की रुसवाई भी थी रोकने को रास्ता तूफ़ान भी था,
कैसे रुक जाता इन सब से हार के आसमा
तुझे पाने की जिद्द भी थी और दिल के दरिया में उफान भी था..

Saturday, 19 August 2017


मेरे आँसू भी खारे है समंदर के पानी की तरह,
अपने अन्दर ये कई राज़ समेटे रखते है...

जज्बातों की नहीं कटपुतली अगर तो ये अपने पराये का तमाशा क्यों है,
खुदा ने बनाया अगर मोहब्बत से जहान कण कण को सींचा प्यार से,
तो इस मोहब्बत के समंदर में हर इंसान बूंद बूंद चाहत को प्यासा क्यों है...


मुझे तू पसंद तू मेरा न हुआ,

तुझे कोई और पसंद वो तेरा न हुआ,

ये पसंद न पसंद का दौर कुछ ऐसा चला,

के जो तू था वो अब तू न रहा और जो मै था अब मै न रहा|

इश्क में आग बराबर की हो तोही चाहत का वो मुकम्मल आशियां मिलता है ,वरना एक पतवार से नाव सिर्फ भवरों सी घुमती रह जाती है|

लिख लेता हु कभी-कभी हाल-ए-दिल कागज के पन्नो पर,

नादान है वो मोहब्बत का इशारा कहा समझते है.............

चाँद हो तुम और मै चकोर सा तुम्हे देखता रहू सिर्फ, दूजी कोई और चाहत नहीं...

किसी से यादे वक़्त की गुजारिश कर ये जिन्दगी,


चिरागे दीपक की जरुरत होती है अँधेरा होने के बाद...

भेजता हु तुझे पैगाम की बता सके मंजिल के किस राह पर हूँ,

राह सही हुई अगर तो पहुच जाऊंगा तुझ तक वरना कही कमर झुक जाये मेरी चलते चलते..