शायर हूँ यारो शायरी के लिये ..
Saturday, 19 August 2017
भेजता
हु
तुझे
पैगाम
की
बता
सके
मंजिल
के
किस
राह
पर
हूँ
,
राह सही
हुई
अगर
तो
पहुच
जाऊंगा
तुझ
तक
वरना
कही
कमर
न
झुक
जाये
मेरी
चलते
चलते
..
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