शायर हूँ यारो शायरी के लिये ..
Monday, 2 October 2017
खामोश रहूँ या कह दू तुम्हे
,
कह दू अगर तो यकीं आये कहा
,
दिल से दिल की बात
,
निगाहों से होने दो तो ही अच्छा
,
जुबा तो झूठ बोल देंगे मगर दिल से हकीक़त छुपेंगी कहा.....
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