शायर हूँ यारो शायरी के लिये ..
Thursday, 3 October 2019
मन ही मन की मरम्मत कर रहा है, नीव से निकाल कर ईंटे उखड़े दिवाले भर रहा है।
No comments:
Post a Comment
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment