Tuesday, 26 September 2017


सुकून की चाहत भी रखे तो किस उम्मीद पर,
कम्बखत उम्मीदों ने ही तो सुकून छिन रखा है|

Tuesday, 5 September 2017


ये जो साँसे चल रही है मेरी आखिर दी हुई सौगात किसकी है,
न है अगर वो पास मेरे तो ये धक् धक् की आवाज किसकी है....